Rumored Buzz on Shodashi
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
Shodashi is deeply connected to the path of Tantra, in which she guides practitioners toward self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she is celebrated as the embodiment of Sri Vidya, the sacred awareness that leads to enlightenment.
Soon after eleven rosaries on the very first day of beginning While using the Mantra, you'll be able to convey down the chanting to one rosary on a daily basis and chant 11 rosaries to the eleventh working day, on the last working day within your chanting.
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते here हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
The Shodashi Mantra is actually a 28 letter Mantra and therefore, it has become the easiest and most straightforward Mantras so that you can recite, keep in mind and chant.
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
The noose represents attachment, the goad signifies repulsion, the sugarcane bow represents the thoughts as well as the arrows tend to be the 5 perception objects.
The philosophical dimensions of Tripura Sundari prolong outside of her physical attributes. She represents the transformative energy of elegance, which may lead the devotee in the darkness of ignorance to The sunshine of knowledge and enlightenment.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
In essence, Goddess Shodashi represents the divine likely within every particular person, guiding them on a path of internal magnificence, knowledge, and spiritual fulfillment. Her presence inside the lives of devotees evokes them to hunt harmony, apply compassion, and approach everyday living with gratitude and humility.